Sai Lilashahji Sansthan Vardha

हे भगवान ! हमें सद्बुद्धि दो, शक्ति दो, निरोगता दो ताकि अपना-अपना कर्तव्य पालन करके सुखी रहें  । 

आमुख:

विश्व का कल्याण उन महापुरुषों की प्रेरणा से होता है जिन्होंने आत्मानुभूति और ब्रह्मानंद को प्राप्त कर, वैदिक धर्म के सिद्धांतों को स्थापित किया है । ऐसे ज्योति-पुरुषसमाज की आवश्यकताओं को पूर्ण करते हैं और सेवा-प्रकल्पों की नींव रखते हैं ।

मानव उत्थान और वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए ईश्वरीय सत्ता विशेष व्यक्तियों के माध्यम से कार्य करती है । “साईं लीलाशाहजी संस्थान, वर्धा” ऐसा ही एक केंद्र है, जो सनातन और वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार से समाज का उत्थान कर रहा है ।

इस संस्थान की स्थापना स्थानीय सेवाभावी धर्मात्माओं द्वारा 2024 में की गई । पूज्य सद्गुरुदेवजी के आशीर्वाद से वर्धा, महाराष्ट्र के कार्ला गाँव में देवस्थान निर्माण के लिए भूमि खरीदी गई जिसका भूमिपूजन 25 दिसंबर 2024 को तुलसी पूजन के पावन अवसर पर श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ ।

धार्मिक और सामाजिक सेवा कार्य:

देवस्थान में प्रतिदिन पूजा-अर्चना, आरती, प्रसाद वितरण जैसे धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं । संध्याकाल में जप, ध्यान, प्राणायाम, पाठ,  आरती, भजन और सत्संग के माध्यम से आध्यात्मिक विकास पर बल दिया जाता है । साथ ही वर्ष भर विभिन्न धार्मिक और सामाजिक सेवा कार्य भी आयोजित किए जाते हैं ।

1. उत्तरायण पर्व: इस दिन संस्थान में सूर्योपासना, जप-ध्यान, और सत्संग का आयोजन होता है ।

युवा दिवस 2025 – ‘युवाधन सुरक्षा अभियान’ द्वारा युवाओं में जागृति का संकल्प

12 जनवरी 2025 को युवा दिवस के शुभ अवसर पर साईं लीलाशाहजी संस्थान, वर्धा द्वारा ‘युवाधन सुरक्षा अभियान’ के अंतर्गत एक भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं में उद्यम, साहस, धैर्य, बुद्धि, शक्ति और पराक्रम जैसे दैवी गुणों का विकास करना था, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और राष्ट्र निर्माण में अपनी सशक्त भूमिका निभा सकें।

2.        12 जनवरी, युवा दिवस:  युवाओं में उद्यमः साहसं धैर्यं बुद्धिः शक्तिः पराक्रमः जैसे दैवी गुणों को विकसित करने के लिए  युवाधन सुरक्षा अभियानचलाया जाता है ।

14 फरवरी, मातृ-पितृ पूजन दिवस

14 फरवरी, मातृपितृ पूजन दिवस: विद्यालयों और समाज में मातृ-पितृ पूजन का आयोजन होता है ।